
आइये एक और एक मिलकर ग्यारह बन जाएं ..
हमारा ब्राह्मण समाज सर्वश्रेष्ठ,सर्वगुण संपन्न,सुशिक्षित,समृद्ध और सर्वव्यापी समाज है। हमें कोई प्यार,स्नेह और सम्मान देकर कुछ भी मांग दे तो हम सर्वस्व न्योछावर करने से पीछे नहीं हटते लेकिन जब बात आत्मसम्मान,आत्मरक्षा की आ जाए तो भगवान परशुराम बनकर समूल नाश करने से भी नहीं हिचकते। हम वीर भी हैं,व्यावहारिक भी हैं, विद्वान भी हैं और हम कर्तव्यनिष्ठ भी हैं। हम ऋषि दधीचि हैं तो हम दुर्वासा और भगवान परशुराम भी हैं। हम मंगल पांडेय,चंद्रशेखर आजाद,झांसी की रानी हैं तो हम डॉ शंकर दयाल शर्मा,भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई भी हैं। हम स्वर सम्राज्ञी लता मंगेश्कर और आशा भोंसले हैं तो आधुनिक भारत के एस जयशंकर और अजीत डोभाल भी हम ही हैं।
हमारे यही नैसर्गिक गुण औरों की आंखों में चुभते हैं और हमें मिटाने को सारे व्यग्र हैं। विकास के किसी भी क्षेत्र में वे अभी तक हमसे लंबी लकीर खींच नहीं पाए हैं इसीलिए वे हमसे जलते हैं और हमें समूल नष्ट कर देना चाहते हैं।
अतएव अब समय आन पड़ी है कि हम अपने सारे आपसी गिले शिकवे भूलकर एक और एक मिलकर ग्यारह बन जाएं। अन्यथा आपको बताने की जरूरत नहीं है...
इसी एकता बनाने के प्रयास में हमारा"कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार" प्रयासरत है। खुशी की बात है कि धीरे धीरे ही सही हमारे लोग अब हमारी बातों को समझने लगे हैं।स्वर्णिम भविष्य बनाने के लिए यह एक अच्छा संकेत है। बस अब हमें इस एकजुटता को सार्वभौमिक बनाने के लिए इसकी गति को बढ़ानी होगी।
अंत में हम आपसे विनयपूर्वक आग्रह करते हैं कि हमारे इस "कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार" को "तन मन धन" से मजबूत बनाएं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम आपको और आपके परिवार को एक सशक्त मंच प्रदान करेंगे और एक अनूठा,सर्वमंगलकारी,सर्वग्राही,सर्वसुलभ पारिवारिक माहौल उपलब्ध कराएंगे।
10800+
कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार सदस्यगण
हमें करना क्या है ...
हमें छोटी छोटी बातों में आकर आपस में उलझना नहीं है।
हमें अपनी बातों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करके अपने किसी भाई को जलील नहीं करना है।
हमें समाज में अनुशासन बनाना है, बड़े छोटे का लिहाज कायम रखना है।


हमेशा अपने लोगों को आर्थिक,सामाजिक,आध्यात्मिक,स्वास्थ्यजनित सुरक्षा प्रदान करना है।
हमारी आपसी रंजिश हमारे घर के बाहर परिलक्षित नहीं होनी चाहिए,बाहर हम एक हैं। एक मुट्ठी की तरह बंधे रहना है।
बैंक खाते के विवरण पर 501रु की अत्यल्प राशि संगठन के कोष में डालकर प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करें और संगठन को आर्थिक मजबूती प्रदान करें।


इस वर्ष संपन्न हुए कार्य










हमारे साथ जुड़ें

